FSSAI ने राज्यों को पत्र लिख कर अनुरोध किया है की वे इस बात का ध्यान रखें की फ़ूड सप्लाई चैन में कोई रुकावट न आये।
दरअसल फ़ूड सप्लाई चैन एक नेटवर्क है जिसमें कस्टमर तक माल पहुचाने के सारे चारण शामिल हैं,
जैसे कि कच्चे माल की खरीद, कच्चे माल को ठीक तरीके से प्रोसेस करना, फिर उसकी डिलिवरी आखरी उपभोक्ता तक करना।
भारत के कई राज्यों से कर्फ्यू लगने की खबर के बीच FSSAI ने बताया की खाद्य उत्पादनो की
जांच एवं निर्यात अत्यावश्यक सेवाओं की सूची में शामिल है।
सामान्य तौर पर होने वाले निरीक्षण को भी FSSAI ने ज़रूरी न बताते हुए साफ किया कि कागज़ी कार्यवाही खाद्य संचालन में बाधा नहीं बननी चाहिए। हालांकि दूध और मीट जैसे पदार्थों को सामान्य निरीक्षण से छूट नहीं दी गई है।
साथ ही FSSAI ने एक बड़ा फैसला करते हुए कहा कि नए खाद्य व्यापार ऑनलाइन एप्लिकेशन भरते ही बिना किसी देरी के अपना काम शुरू कर सकेंगे।
जिसका मतलब है अब व्यापारियों को एप्लीकेशन की मंजूरी मिलने तक इंतेज़ार करने की ज़रूरत नहीं।
इसी के साथ जहाँ ज़रूरी लगा वहाँ ई निरीक्षण की सुविधा का उपयोग करते हुए भी निरीक्षण किया जा सकेगा।
इतना ही नहीं बल्कि वित्त वर्ष 20-21 की रिटर्न को भरने की आखिरी तिथि भी जून करदी गयी है।
लाइसेंस के नवीनीकरण में देरी के लिए भी अब कोई लेट फ़ीस नहीं देनी पड़ेगी।
यह सारे फैसले 30 जून तक बाध्य हैं, चाहें देश में किसी भी प्रकार की स्तिथि हो।
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