9 दिसंबर को कोर्ट ने एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण निर्णय पारित किया।
सेक्शन 68 के तहत पिछले साल का दिखाया हुआ लोन अगले साल व्यक्ति की इनकम यानि की आय में जोड़ा नहीं जा सकता।
अगर आपको आसान भाषा में समझाएं तोह इनकम टैक्स ऑफिसर ने लोन को इनकम मानते हुए उसे व्यक्ति की आय में जोड़ने का फैसला किया, जिस पर कोर्ट ने कहा की व्यक्ति पहले ही उस लोन को अपने पिछले साल की return में दिखा चुका है की यह लोन का पैसा उसने अपनी एक कंपनी से ही लिया था।
अब ये ज़िम्मेदारी अफसर की बन जाती है की वह साबित करे की ये लोन का पैसा उसकी इनकम है।
और अगर वो ऐसा साबित नहीं कर पाता है तोह उसे ये हक़ नहीं है की वह उस व्यक्ति की आय को बढ़ा दे और ज़्यादा इनकम टैक्स वसूले।
इस केस का नाम है : K.P. Manish Global Ingredients Pvt.Ltd. vs ACIT (ITAT Chennai)
Source : Taxguru